Difference between Intraday and Swing Trading in hindi

Difference between Intraday and Swing Trading in hindi
Difference between Intraday and Swing Trading in hindi

Difference between Intraday and Swing Trading in hindi:-हेलो दोस्तों आज की अपने इस पोस्ट में हम ये जानेंगे की शेयर मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग किस प्रकार की जाती हैं । तो चलिए स्टार्ट करते हैं ।

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सबसे पहले तो ये जानते हैं की शेयर मार्किट है क्या । शेयर मार्किट व्यापारिक कम्पनीज की हिस्से दरी खरीदने और बेचने की जगह होती हैं । जहाँ पर आप अपनी पसंद की कम्पनीज की हिस्सेदारी रुपयों के बदले खरीदते और बेचते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग इन हिंदी 

अब इसी प्रक्रिया को शेयर ट्रेडिंग का नाम दे दिया गया हैं और इस मार्किट को शेयर मार्किट का नाम दिया गया है ।

भारत में दो प्रमुख बेंचमार्क हैं जो शेयर ट्रेडिंग करते हैं –

1- SENSEX

2- NIFTY

सेंसेक्स और निफ़्टी दोनों में ही शेयर खरीद और बेच सकते हैं ।

अब बात शुरू करते हैं की INTRADAY और SWING ट्रेडिंग क्या होती है ।

INTRADAY:-

जब शेयर को खरीद कर उसी दिन एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही बेचना होता है तो उसे इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग कहते हैं । इंट्राडे के अंदर आप शेयर को अपने पास होल्ड करके नहीं रख सकते हैं । चाहे आपके पास कितने भी शेयर्स हो आपको उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले बेचने पड़ते हैं । इस प्रकार की ट्रेडिंग हो इंट्राडे ट्रेडिंग बोला जाता हैं ।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ और हानि :-

1- ये ट्रेडिंग रिस्की ज्यादा हैं अतः जो लोग शेयर मार्किट में बहुत अनुभव रखते हैं वे ही इसे करे तो ठीक अन्यथा या बहुत ज्यादा रिस्की हैं जिससे लोस्स होने का पूरा खतरा रहता हैं ।

2- ये ट्रेडिंग काम रुपयों के साथ भी की जा सकती हैं क्युकी इसमें ब्रोकर लीवरेज बहुत ज्यादा देती हैं ।

SWING TRADING:-

स्विंग ट्रेडिंग के अंतर्गत आप शेयर को अपने पास होल्ड करके रख सकते हैं । अब यहाँ पर ये कंडीशन हैं की यदि आप शेयर को लम्बे समय के लिए अपने पास रखते हैं तो ये डिलीवरी ट्रेडिंग या लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कहलाती हैं । और यदि आप शेयर को खरीद कर उसे कुछ दिन अपने पास रखने के बाद SALE कर देते हैं तो ये स्विंग ट्रेडिंग कहलाते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ और हानि :-

1- स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में काम रिस्की हैं और पैसा डूबने का खतरा इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में काम होता है । क्यूंकि अगर शेयर का प्राइस डाउन भी हो जाये तो आप उस शेयर को होल्ड करके रख सकते हैं और जब प्राइस ऊपर आ जाये तो बेच सकते हैं । पर इंट्राडे में प्राइस चाहे जो भी हो आपको बेचना ही पड़ेगा ।

2-SWING ट्रेडिंग के लिए आपको ज्यादा रुपयों की आवश्यकता पड़ती है । क्यकि इसमें ब्रोकर कम्पनीज काम LEAVERAGE देती हैं ।

Difference between Intraday and Swing Trading in hindi

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CURRENT GK

CONCLUSION:-

इस प्रकार अपनी इस पोस्ट में हमने शेयर मार्किट के अंतर्गत आने वाली दो प्रकार की ट्रेडिंग को समझा । मुझे आशा है की आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी और हेल्पफुल लगी होगी । यदि आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करे ताकि उन तक भी ये जानकारी पहुंचे ।

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